मशरिक ओ मगरिब की दुआ कीजिए।
हर एक लम्हे का शुक्रिया कीजिए।
आपकी दी हुई है , खुशियां तमाम।
कोई गम हो तो वो भी अता कीजिए।
आप पर मरने वाले मरे जा ते है।
कुछ तो शरमो हया कीजिए।
रंग चुन्ना है लिहाफ के लिए।
जाकर तितलियों से मशवरा कीजिए।
कितनी अर्जियां करेगी आवाम ।
कभी तो फुर्सत में रहा कीजिए।
©Ansari shahbaj