// मेरी मोहब्बत का यही ये आख़िरी पड़ाव है //
कि मैं जब रोऊँ तो तुझे कोई आहट न हो,
मैं मुस्कुराउं झूठा और तुझसे कोई बनावट न हो,
मैं दर्द लाख रखूँ अपने इस सीने में ,मगर तुझे कुछ आहें न हो !
मै जब टूट कर यु बिखरुं, तो तेरी इन बाहें न हो !
मेरी किसी भी तड़प में, तू शामिल न हो
मेरा ये इश्क़ सामने रहे, मग़र क़ामिल न हो
तेरी हर आजमाइश ही, मेरा ईमान बन जाए !
तुझे इतना चाहूं की , मेरा गुरूर में तु भगवान बन जाए !
©बेजुबान शायर shivkumar
// मेरी #मोहब्बत का यही ये #आख़िरी पड़ाव है //
कि मैं जब रोऊँ तो तुझे कोई #आहट न हो,
मैं मुस्कुराउं झूठा और तुझसे कोई #बनावट न हो,
मैं #दर्द लाख रखूँ अपने इस #सीने में ,मगर तुझे कुछ #आहें न हो !
मै जब टूट कर यु बिखरुं, तो तेरी इन #बाहें न हो !