आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे क | हिंदी शायरी

"आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही नहीं थे। ©नवनीत ठाकुर"

 आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो,
भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे।

तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून,
ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही नहीं थे।

©नवनीत ठाकुर

आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो, भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे। तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून, ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही नहीं थे। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर
आए तो यूँ जैसे रहम का मक्सद हो,
भूले तो यूँ जैसे कभी हम नहीं थे।

तेरी मौजूदगी में दिल को था सुकून,
ग़म हुआ तो यूँ जैसे तुम ही नहीं थे।

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