फ़र्ज की राह में चल पड़े जिम्मेदारियों का बोझ उठा | हिंदी कविता

"फ़र्ज की राह में चल पड़े जिम्मेदारियों का बोझ उठा कर जिंद़गी जीना भुल गये ख्वाहिशों की चीता जलाकर ©vish"

 फ़र्ज की राह में चल पड़े
जिम्मेदारियों का बोझ उठा कर
जिंद़गी जीना भुल गये
ख्वाहिशों की चीता जलाकर

©vish

फ़र्ज की राह में चल पड़े जिम्मेदारियों का बोझ उठा कर जिंद़गी जीना भुल गये ख्वाहिशों की चीता जलाकर ©vish

# फ़र्ज की राह

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