फूल मुरझा जाएंगे, यादें रह जाएंगी,
खुशबू बिखर जाएगी, पर निशानी रह जाएगी।
पंखुड़ियों में जो रंग बसा है,
वो धीरे-धीरे फीका पड़ जाएगा।
वक़्त की आंधी में, ये गुलशन
सूनापन हर ओर भर जाएगा।
पर जो खुशबू है, दिल में बसी,
वो कैसे मिट पाएगी?
फूल मुरझा जाएंगे, पर उनकी
यादें दिल में हमेशा मुस्कुराएंगी।
खुदा से ये दुआ है हमारी,
तुम्हारे दिलों का गुलशन सदा खिला रहे।
फूल चाहे मुरझा जाएं,
पर रिश्तों की महक बनी रहे।
©kavi Abhishek Pathak
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