मैं रहता नदी के इस पर
तू रहती नदी के उस पर
मत आना तू इस पार
मैं आऊँगा उस पार
बढ़ गया है नदी में पानी अभी बहुत
मौसम आया है सावन का
बरस रहा है जोरों की बरसात
मत होना तू उदास
चंदा से कर लेना तू दिल की बात
पानी कम होते ही
मैं आऊँगा तुमसे मिलने हर बार
©Prabhat Kumar
#प्रभात