गरदन पे मेरी
तेरे होठों के कुछ
निशां अभी बाक़ी है
जिस्म से छन कर
रूह तक पंहुचा
गर्म साँसों का
दहकता लोबान अभी बाक़ी है
सिल्वटे रात की कहानी
बयां करती है
मेरे होठों पे चढ़ा
तेरे होंठों का
सुर्ख लाल रंग
अभी बाक़ी है अम्बर
मेरे होठों पे चढ़ा तेरे होठों का सुर्ख
लाल रंग अभी बाक़ी है