कल कोई अल्हड़ अयाना बाबरा झोंका पवन का, जब तुम्हार | हिंदी कविता Video

"कल कोई अल्हड़ अयाना बाबरा झोंका पवन का, जब तुम्हारे इंगितों पर गन्ध भर देगा चमन में या कोई चंदा धरा का रूप का मारा वेचारा, कल्पना के तार से नक्षत्र जड देगा गगन पर तब यही विछुये, महावर, चुडियां, गजरे कहेंगे, इस अमर सौभाग्य के श्रंगार का अधिकार क्या है। मॉग की सिन्दूर रेखा तुमसे ये पूछेगी कल, यूं मुझे सर पर सजाने का तुम्हें अधिकार क्या है। तुम कहोगी वो समर्पण बचपना था तो कहेगी, गर वो सब कुछ बचपना था तो कहो फिर प्यार क्या है #kumarvishwas ©कवि विनय आनंद "

कल कोई अल्हड़ अयाना बाबरा झोंका पवन का, जब तुम्हारे इंगितों पर गन्ध भर देगा चमन में या कोई चंदा धरा का रूप का मारा वेचारा, कल्पना के तार से नक्षत्र जड देगा गगन पर तब यही विछुये, महावर, चुडियां, गजरे कहेंगे, इस अमर सौभाग्य के श्रंगार का अधिकार क्या है। मॉग की सिन्दूर रेखा तुमसे ये पूछेगी कल, यूं मुझे सर पर सजाने का तुम्हें अधिकार क्या है। तुम कहोगी वो समर्पण बचपना था तो कहेगी, गर वो सब कुछ बचपना था तो कहो फिर प्यार क्या है #kumarvishwas ©कवि विनय आनंद

प्यार क्या है

People who shared love close

More like this

Trending Topic