White भटकता है मन यहां वहां मन पर सुसज्जित कौन है
हाथ में खंजर मुख पर मुस्कान बिखेरे,
आत्मा रक्त रंजित कौन है
बद से बदतर होते जा रहे आचार और विचार
इनके दुष्प्रभाव से अकारण ही शोषित कौन है
औरों पर एक तो चार खुद पर भी उठेगी
इल्जाम लगाने से पहले देखो कि इंगित कौन है
कब तक करते रहेंगे मिलावट श्रद्धा और भक्ति में भी
एक बार तो सोचो कि कण कण में समाहित कौन है
औरों की जानकारी रखते हैं स्वयं से ज्यादा
पर सही मायने में स्वयं से परिचित कौन है
©Anita Agarwal
कौन है