जाते जाते एक ऐसी कहानी दे जाऊंगा
दोस्त मैं तेरी आंखों में पानी दे जाऊंगा
दे जाऊंगा तेरी नींदों को ख्वाब अपने
साथ में गुजारी शामें सुहानी दे जाऊंगा
जिसके सहारे तू काट ले ज़िंदगी मैं
तुझको अपनी एक तस्वीर पुरानी दे जाऊंगा
मेरे महबूब मैं अपनी मोहब्बत की
तेरी गर्दन पर एक निशानी दे जाऊंगा
ले जाऊंगा तेरे चहरे की सारी शिकन
और तुझको अपनी जवानी दे जाऊंगा
बनकर समंदर तेरी मोहब्बत में
तुझको नदी सी रवानी दे जाऊंगा
©Jagjeet Singh Jaggi... ख़्वाबगाह...!