White उसकी यादों में ऐसे भी हद से गुजर जाता था मैं ।
आंखें खुली रहती थी, और मर जाता था मैं ।।
अपनी आँखों के सामने खो दिया , मैंने वो शख्श ,
जिसको ख्वाब में भी खोने से डर जाता था मैं ।।
मुझसे जुड़ी हुई थी, चार लोगों की खुशियां घर में ,
अंदर जाने से पहले, अपने आंसू पोंछ कर जाता था मैं ।।
©Vimal Kumar Nadaan
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