और क्या कहूं क्या बीती उस मां के दिल पर साड़ी लाने वाला बेटा आया तिरंगे में लिपटकर छोटी सी जिन्दगी में हादसे हुए कई पर रोज
हमें लगे जिन्दगी नई-नई मेज पर पड़ा वो चाय का गिलास और मेज के उस ओर बैठी तुम लत बड़ी अजीब सी लग गई... -मिथिलेश बारिया
©VED PRAKASH 73
#गोल_चबूतरा