Unsplash मखन मिश्री जैसी जुबान और पथर जैसा कठोर | हिंदी Poetry

"Unsplash मखन मिश्री जैसी जुबान और पथर जैसा कठोर दिल पाया हैँ उसने और मज़े क़ी बात ये कि ज़ब भी वो हंसती हैँ तों लगता हैँ वो रो रही हैँ ©Parasram Arora"

 Unsplash मखन मिश्री जैसी 
जुबान और पथर 
जैसा कठोर दिल 
पाया हैँ उसने 

और मज़े क़ी बात 
ये कि ज़ब भी 
वो हंसती हैँ तों
 लगता  हैँ वो रो रही हैँ

©Parasram Arora

Unsplash मखन मिश्री जैसी जुबान और पथर जैसा कठोर दिल पाया हैँ उसने और मज़े क़ी बात ये कि ज़ब भी वो हंसती हैँ तों लगता हैँ वो रो रही हैँ ©Parasram Arora

मखn मिश्री जैसी जुबान

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