पल्लव की डायरी दायरे में हम सब, गब्बर सिंह टैक्स क | हिंदी कविता

"पल्लव की डायरी दायरे में हम सब, गब्बर सिंह टैक्स के आ रहे है एक ही तरह की चीज पर कई दर जीएसटी की लगा रहे है खूब निकाला है लूट का फंडा इस्तेमाल का तरीका देखकर लोगो की निजी जिंदगी में झांक रहे है गरीबो का पोपकोर्न मेला ठेला का शौक अठारह परसेंट लगा कर सता रहै है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव""

 पल्लव की डायरी
दायरे में हम सब,
गब्बर सिंह टैक्स के आ रहे है
एक ही तरह की चीज पर
कई दर जीएसटी की लगा रहे है
खूब निकाला है लूट का फंडा
इस्तेमाल का तरीका देखकर
लोगो की निजी जिंदगी में झांक रहे है
गरीबो का पोपकोर्न  मेला ठेला का शौक
अठारह परसेंट लगा कर सता रहै है
                                    प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

पल्लव की डायरी दायरे में हम सब, गब्बर सिंह टैक्स के आ रहे है एक ही तरह की चीज पर कई दर जीएसटी की लगा रहे है खूब निकाला है लूट का फंडा इस्तेमाल का तरीका देखकर लोगो की निजी जिंदगी में झांक रहे है गरीबो का पोपकोर्न मेला ठेला का शौक अठारह परसेंट लगा कर सता रहै है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#quotation इस्तेमाल का तरीका देखकर,टैक्ट लगा रहे है

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