✍️आज की डायरी✍️
तुम...... ✍️
हर लम्हा बदल जाएगा जो मिल जाओ तुम ।
वक़्त तन्हा बदल जाएगा जो मिल जाओ तुम ।।
हर उलझन को सुलझाने का ज़रिया तुम्हीं हो ।
ये फ़लसफ़ा बदल जाएगा जो मिल जाओ तुम ।।
हक़ीक़त यही है कि सब लकीरों का ही मेल है ।
हर फासला बदल जाएगा जो मिल जाओ तुम ।।
वक़्त के हर सितम पर रोना अब नागवार है मुझे ।
ये सिलसिला बदल जाएगा जो मिल जाओ तुम ।।
उदास जिंदगी जीने की जो कसमें कभी खाई थी ।
हर फैसला बदल जाएगा जो मिल जाओ तुम ।।
फ़िर से नया ख़्वाब शायद देखने लग जाएं "नीरज"।
टूटा हौसला बदल जायेगा जो मिल जाओ तुम ।।
✍️नीरज✍️
©डॉ राघवेन्द्र
#creativeminds