White रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं दो सूत के | हिंदी कविता

"White रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं दो सूत के कच्चे धागों में समेटकर ढेर सारा निश्छल प्रेम, बहनों ने बाँधा है भाईयों की कलाइयों उनका कुशलक्षेम, माँगती हैं वादा जीवन भर की रक्षा और साथ निभाने का, और नहीं छोड़ती मौका अपने भाईयों पर हक जताने का, अपार स्नेह से बंधी हुई राखी, कलाईयों को प्रबल बनाती हैं, बहनों के सपनों और आकांक्षाओं की कद्र करना सिखाती है, कभी बन रक्षा कवच, हर मुश्किल परिस्थितियों से उबारती है, तो कभी कच्चे धागों से पक्के और अटूट रिश्ते ये सँभालती है, नेग के लिए झगड़ती बहनें, भाईयों की सफलता मात्र चाहती हैं, रहे उनका भाई सदैव ही सकुशल, ईश्वर से यही वरदान माँगती हैं, कीमत दो सूत का नहीं, मोल तो किए गए सभी वादों का होता है, लड़ाइयाँ हो पुरजोर पर आपसी स्नेह कहाँ कभी भी कम होता है, हज़ारों अनबन के बाद भी भाई बहनों का ये स्नेह बढ़ता जाता है, और हर वर्ष रक्षा बंधन के त्योहार पर ये रिश्ता निखरता जाता है। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla"

 White रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं 

दो सूत के कच्चे धागों में समेटकर ढेर सारा निश्छल प्रेम,
बहनों ने बाँधा है भाईयों की कलाइयों उनका कुशलक्षेम,

माँगती हैं वादा जीवन भर की रक्षा और साथ निभाने का,
और नहीं छोड़ती मौका अपने भाईयों पर हक जताने का,

अपार स्नेह से बंधी हुई राखी, कलाईयों को प्रबल बनाती हैं,
बहनों के सपनों और आकांक्षाओं की कद्र करना सिखाती है,

कभी बन रक्षा कवच, हर मुश्किल परिस्थितियों से उबारती है,
तो कभी कच्चे धागों से पक्के और अटूट रिश्ते ये सँभालती है,

नेग के लिए झगड़ती बहनें, भाईयों की सफलता मात्र चाहती हैं,
रहे उनका भाई सदैव ही सकुशल, ईश्वर से यही वरदान माँगती हैं,

कीमत दो सूत का नहीं, मोल तो किए गए सभी वादों का होता है,
लड़ाइयाँ हो पुरजोर पर आपसी स्नेह कहाँ कभी भी कम होता है,

हज़ारों अनबन के बाद भी भाई बहनों का ये स्नेह बढ़ता जाता है,
और हर वर्ष रक्षा बंधन के त्योहार पर ये रिश्ता निखरता जाता है।

IG :— @my_pen_my_strength

©Saket Ranjan Shukla

White रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं दो सूत के कच्चे धागों में समेटकर ढेर सारा निश्छल प्रेम, बहनों ने बाँधा है भाईयों की कलाइयों उनका कुशलक्षेम, माँगती हैं वादा जीवन भर की रक्षा और साथ निभाने का, और नहीं छोड़ती मौका अपने भाईयों पर हक जताने का, अपार स्नेह से बंधी हुई राखी, कलाईयों को प्रबल बनाती हैं, बहनों के सपनों और आकांक्षाओं की कद्र करना सिखाती है, कभी बन रक्षा कवच, हर मुश्किल परिस्थितियों से उबारती है, तो कभी कच्चे धागों से पक्के और अटूट रिश्ते ये सँभालती है, नेग के लिए झगड़ती बहनें, भाईयों की सफलता मात्र चाहती हैं, रहे उनका भाई सदैव ही सकुशल, ईश्वर से यही वरदान माँगती हैं, कीमत दो सूत का नहीं, मोल तो किए गए सभी वादों का होता है, लड़ाइयाँ हो पुरजोर पर आपसी स्नेह कहाँ कभी भी कम होता है, हज़ारों अनबन के बाद भी भाई बहनों का ये स्नेह बढ़ता जाता है, और हर वर्ष रक्षा बंधन के त्योहार पर ये रिश्ता निखरता जाता है। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla

रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.!
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✍🏻Saket Ranjan Shukla
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