" "तेरे इन बिखरे गेसुओं से
मैंने तेरा हाल जाना ,
सारी रात सोए नही तुम ,
लिखते रहे कोई अफसाना ,
यू जाग जाग कर गेसुओं पर
न जुल्म ढाना,
मेरे इश्क की ठंडी छाव है ये गेसू
इन पर न हो कोई सितम
इनको तुम बचाना ,
मेरे खातिर तुम मेरा इतना
काम कर जाना ,.....
©Parul (kiran)Yadav
"