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जो जिया दूसरों के लिए हर घड़ी,
वही हस्ती बनती है मीठी नदी।
मौत ले जाती है जिस्म का नाम,
पर जिंदा रहते हैं नेक काम।
वो दुआओं में, वो यादों में बसते हैं,
हर दिल में अपने निशान छोड़ चलते हैं।
खुद को भुलाकर जो बांटते जहान हैं,
बनती वही हस्ती की पहचान है।
©नवनीत ठाकुर
#जो जिया दूसरों के लिए हर घड़ी,
वही हस्ती बनती है मीठी नदी।
मौत ले जाती है जिस्म का नाम,
पर जिंदा रहते हैं नेक काम।
वो दुआओं में, वो यादों में बसते हैं,
हर दिल में अपने निशान छोड़ चलते हैं।
खुद को भुलाकर जो बांटते जहान हैं,