"एहसास कहाँ होता है"
ग़म ए दोस्ती में-ख़याल कहा होता है,
मुतमईन है वों-जवाब कहाँ होता है ?
भड़कते है वों-जब भड़कता हैं कोई
हमारे प्यार का-हिसाब कहाँ होता है ?
जो ता उम्र..रिश्ता बना न पाया हो
उसे रिश्ते से तुम्हारे..एहतेराम कहाँ होता है?
खुद ग़लत फ़हमी में हो हमदम मेरे...
अपनी ग़लतियों का एहसास कहाँ होता है ?
माना कुछ इल्ज़ाम है हमारे पर भी
ऐसी सजा का गुनाहगार कहाँ होता है ?
सोचने समझने की असाब चली गई शायद
पर तुम्हारे जैसा किरदार कहाँ होता है ?
बालमुकुन्द त्रिपाठी
©Balmukund Tripathi
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