बादल आसमान में धुआँ धुआँ सा कर गए उड़ते बादल कहीं | हिंदी कविता

"बादल आसमान में धुआँ धुआँ सा कर गए उड़ते बादल कहीं रंग है श्वेत कहीं पर लगते श्यामल श्यामल उलझ गया है मन बेचारा देख उन्हें घबराया उनके बीच चमकती बिजली देखा तो चकराया जब लड़ते हैं आपस में वो शोर बहुत हैं करते चोट लगी घायल हो जाते उनके आँसू झरते बेखुद उनका रोना धोना लाता बहुत तबाही बाढ़ में राहें डूब गई तो परेशान है राही ©Sunil Kumar Maurya Bekhud"

 बादल
आसमान में धुआँ धुआँ सा
कर गए उड़ते बादल
कहीं रंग है श्वेत कहीं पर
लगते श्यामल श्यामल

उलझ गया है मन बेचारा
देख उन्हें घबराया
उनके बीच चमकती बिजली
देखा तो चकराया

जब लड़ते हैं आपस में वो
शोर बहुत हैं करते
चोट लगी घायल हो जाते
उनके आँसू झरते

बेखुद उनका रोना धोना
लाता बहुत तबाही
बाढ़ में राहें डूब गई तो
परेशान है राही

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

बादल आसमान में धुआँ धुआँ सा कर गए उड़ते बादल कहीं रंग है श्वेत कहीं पर लगते श्यामल श्यामल उलझ गया है मन बेचारा देख उन्हें घबराया उनके बीच चमकती बिजली देखा तो चकराया जब लड़ते हैं आपस में वो शोर बहुत हैं करते चोट लगी घायल हो जाते उनके आँसू झरते बेखुद उनका रोना धोना लाता बहुत तबाही बाढ़ में राहें डूब गई तो परेशान है राही ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#बादल

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