चंद तस्वीर से भला कैसे
मैं प्रदर्शित प्रेम ये कर दूं,
मेरी तकदीर तुझसे हैं
ख़ुद को तेरी पदधूल मैं कर दूं
मैं जो भी हूं जहां में आज
तेरे आशीष की ही माया हैं
भला एक वॉट्सएप स्टेटस में कैसे
तेरा स्थान तय कर दूं
हैं मेरे पांव ये कोमल
की कांटो से मुझे तुमने सदा बचाया हैं
भला क्या जानू तपन धूप की कैसी,
रहा सर आंचल का साया हैं
मेरे खातिर सदा ही मां
विपत्तियों से लड़ती आई हैं
ये दुनिया और दौलत बाद में सारी
मेरा ईश्वर तो सिर्फ़ मेरी माई हैं
✍️ पं.शिवम् शर्मा ख़ुदरंग✍️
रूरा कानपुर देहात
©Cwam Xharma