अब साथ नही हैं वो मेरे, हो गए हैं फासले, कुछ गेहरे
"अब साथ नही हैं वो मेरे,
हो गए हैं फासले, कुछ गेहरे से,
बस, याद उसे कर लेती हूँ,
सूट में रहकर, बिन्दी लगाकर,
मेहसूस उसे कर लेती हूँ ।
हाँ, मैं अब भी मेहसूस उसे कर लेती हूँ ।"
अब साथ नही हैं वो मेरे,
हो गए हैं फासले, कुछ गेहरे से,
बस, याद उसे कर लेती हूँ,
सूट में रहकर, बिन्दी लगाकर,
मेहसूस उसे कर लेती हूँ ।
हाँ, मैं अब भी मेहसूस उसे कर लेती हूँ ।