ग़ज़ल -------------- 2122 - 2122 - 2122 - 212 आप | हिंदी कविता Video

"ग़ज़ल -------------- 2122 - 2122 - 2122 - 212 आप के लब पे हँसी हमको बड़ी अच्छी लगी । आप  की ये  सादगी हमको बड़ी अच्छी लगी ।। आप का नज़रे झुकाना दिल दिवाना कर गया, प्यार  में   दीवानगी  हमको बड़ी अच्छी लगी ।। चेहरे  पर  जुल्फ  काली, जो  घटायें  छा गई, जुल्फ पर आई नमी हमको बड़ी अच्छी लगी ।। आप के तन की खुशबु, दिल को चुराकर ले गई, महक तन की आपकी हम को बड़ी अच्छी लगी।। हाल  ये  दिल  का  हमारे  क्या  बताये  आपको, आप  की जादूगरी हम को बड़ी अच्छी लगी।। ©Uma Vaishnav "

ग़ज़ल -------------- 2122 - 2122 - 2122 - 212 आप के लब पे हँसी हमको बड़ी अच्छी लगी । आप  की ये  सादगी हमको बड़ी अच्छी लगी ।। आप का नज़रे झुकाना दिल दिवाना कर गया, प्यार  में   दीवानगी  हमको बड़ी अच्छी लगी ।। चेहरे  पर  जुल्फ  काली, जो  घटायें  छा गई, जुल्फ पर आई नमी हमको बड़ी अच्छी लगी ।। आप के तन की खुशबु, दिल को चुराकर ले गई, महक तन की आपकी हम को बड़ी अच्छी लगी।। हाल  ये  दिल  का  हमारे  क्या  बताये  आपको, आप  की जादूगरी हम को बड़ी अच्छी लगी।। ©Uma Vaishnav

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