हम तो बस निहारते, निहारते ही रह गए,
वो आए जैसे हम दिल थामते ही रह गए।
गुड़िया रानी प्यारी वो बेटी थी संस्कारी ,
विवाह में उसी के लगी क्यों वो न्यारी ।
विवाह के रीति रिवाजों में जब वो ढल रही थी,
नजर पड़ी पर्दे पर मेरी प्री वेंडिंग चल रही थी।
शर्मीली शांति सी प्यारी सी ये बिटिया थी ,
आज क्यों कैसे पप्पियो झप्पियों में झूलती थी।
गृह प्रवेश से पहले मर्यादा द्वार पर रखी थी,
जहां मुंह दिखाई घूंघट में घर में होनी थी।
लाज दोनों घर की पाश्चात्य वेशभूषा में देखी ,
सिर से माता बहनों ने नई वधू को देख चुनरी फेंकी।
गलती है हमारी बच्चें शिक्षा जो पा गए है,
संस्कारों की वोट ना लगाई अब चोट खा गए है।
मात पिता को भी तो अब पैकेज चाहिए ,
सड़ते रहें सोफे पर हार्ट अटैक चाहिए।
प्री वेंडिंग शूट का चलिए आनंद लीजिए,
अपने हृदय को हृदय घात से बचा लीजिए।
©IG @kavi_neetesh
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