धूप छाँव सब खेल हैं जिंदगी के जब ये नहीं ठहर | हिंदी Poetry Video

"धूप छाँव सब खेल हैं जिंदगी के जब ये नहीं ठहरे सदा के लिए तुम्हारे ग़म की क्या औकात है? ✍️ ©Deepak Kumar 'Deep' "

धूप छाँव सब खेल हैं जिंदगी के जब ये नहीं ठहरे सदा के लिए तुम्हारे ग़म की क्या औकात है? ✍️ ©Deepak Kumar 'Deep'

#dhoop chaanv

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