सिंह जैसे जो दहाड़े, देश का अभिमान हो। सूर्य जैसी | हिंदी कविता

"सिंह जैसे जो दहाड़े, देश का अभिमान हो। सूर्य जैसी चमक राखे , हिंद पर बलिदान हो। शत्रुता ना हो किसी से, प्यार हो सम्मान हो। वीर पर मां भारती को, पुत्र सा अभिमान हो। ©Pradeep Sharma"

 सिंह जैसे जो दहाड़े, देश का अभिमान हो।

सूर्य जैसी चमक राखे , हिंद पर बलिदान हो।

शत्रुता ना हो किसी से, प्यार हो सम्मान हो।

वीर पर मां भारती को, पुत्र सा अभिमान हो।

©Pradeep Sharma

सिंह जैसे जो दहाड़े, देश का अभिमान हो। सूर्य जैसी चमक राखे , हिंद पर बलिदान हो। शत्रुता ना हो किसी से, प्यार हो सम्मान हो। वीर पर मां भारती को, पुत्र सा अभिमान हो। ©Pradeep Sharma

#Poetry

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