आनंदमयी जीवन लिखूं या दर्द की कोई कहानी लिखूं, बचप | हिंदी Poetry Vide

"आनंदमयी जीवन लिखूं या दर्द की कोई कहानी लिखूं, बचपन में हुआ पक्षपात या जवानी से हुई छेड़खानी लिखूं। लिख दूं विरह मां ममता की या पिता की नाइंसाफी लिखूं, लिखूं आत्मा पर लगा दाग कोई या इज्जत खानदानी लिखूं। लिखूं टूटा ख्वाब कोई या सौंदर्य से भरी जवानी लिखूं, Chauhanpoetryhub लिखूं बावरा सा लड़कपन या इश्क कोई रूहानी लिखूं। लिखूं कदम कदम की ठोकरें या मंजिल कोई सुहानी लिखूं, लिख दूं चीखता राग जीवन का या कोई शांत रवानी लिखूं लिखूं चहकती रोनकें या भटकती कोई विरानी लिखूं, लिखूं धधकता सूरज संघर्ष का या बहता शीतल पानी लिखूं लिखूं किरण आशा की या कोई ढलती शाम सुहानी लिखूं, लिखूं भविष्य उज्ज्वल या अब अपनी खत्म कहानी लिखूं। ©chauhanpoetryhub "

आनंदमयी जीवन लिखूं या दर्द की कोई कहानी लिखूं, बचपन में हुआ पक्षपात या जवानी से हुई छेड़खानी लिखूं। लिख दूं विरह मां ममता की या पिता की नाइंसाफी लिखूं, लिखूं आत्मा पर लगा दाग कोई या इज्जत खानदानी लिखूं। लिखूं टूटा ख्वाब कोई या सौंदर्य से भरी जवानी लिखूं, Chauhanpoetryhub लिखूं बावरा सा लड़कपन या इश्क कोई रूहानी लिखूं। लिखूं कदम कदम की ठोकरें या मंजिल कोई सुहानी लिखूं, लिख दूं चीखता राग जीवन का या कोई शांत रवानी लिखूं लिखूं चहकती रोनकें या भटकती कोई विरानी लिखूं, लिखूं धधकता सूरज संघर्ष का या बहता शीतल पानी लिखूं लिखूं किरण आशा की या कोई ढलती शाम सुहानी लिखूं, लिखूं भविष्य उज्ज्वल या अब अपनी खत्म कहानी लिखूं। ©chauhanpoetryhub

#जीवनकथा #बचपन #जवानी#पक्षपात @Vinay Rajput

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