रेगिस्तान में घूमे इन्सान को जैसे पानी की प्यास है | हिंदी Poetry

"रेगिस्तान में घूमे इन्सान को जैसे पानी की प्यास है, उसी तराह आज भी तुझे पाने की आस है... सोचा दिल को बतादु भूल जा उसे, अब ओ किसी और की खास है, लेकिन क्या करू, मेरा ओ कम्बक्त दिल आज भी तेरे पास है....💔 . ©heartless SG"

 रेगिस्तान में घूमे इन्सान को जैसे पानी की प्यास है,
उसी तराह आज भी तुझे पाने की आस है...
सोचा दिल को बतादु भूल जा उसे,
अब ओ किसी और की खास है,
लेकिन क्या करू,
मेरा ओ कम्बक्त दिल आज भी तेरे पास है....💔






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©heartless SG

रेगिस्तान में घूमे इन्सान को जैसे पानी की प्यास है, उसी तराह आज भी तुझे पाने की आस है... सोचा दिल को बतादु भूल जा उसे, अब ओ किसी और की खास है, लेकिन क्या करू, मेरा ओ कम्बक्त दिल आज भी तेरे पास है....💔 . ©heartless SG

#desert

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