वो अपनी आंखों 👀के काजल को आंसुओ😢 से धोती थी बेपनाह | हिंदी Shayari

"वो अपनी आंखों 👀के काजल को आंसुओ😢 से धोती थी बेपनाह मुहब्बत💝 थी उसे मुझसे तभी तो रोज रात को मुझे गले से लगा कर रोती थी😢 डरती नहीं थी किसी से बस मुझे खोने से वो डरती थी😔 फक्र है मुझे की उसने मुजको छोड़ दिया😊 एक बाप👳 की सच्ची बेटी थी अपने बाप 👳को वो रुलाने से डरती थी -lovelines"

 वो अपनी आंखों 👀के काजल को आंसुओ😢 से धोती थी
बेपनाह मुहब्बत💝 थी उसे मुझसे 
तभी तो रोज रात को मुझे गले से लगा कर रोती थी😢
डरती नहीं थी किसी से बस मुझे खोने से वो डरती थी😔
फक्र है मुझे की उसने मुजको छोड़ दिया😊
एक बाप👳 की सच्ची बेटी थी
अपने बाप 👳को वो रुलाने से डरती थी

                    -lovelines

वो अपनी आंखों 👀के काजल को आंसुओ😢 से धोती थी बेपनाह मुहब्बत💝 थी उसे मुझसे तभी तो रोज रात को मुझे गले से लगा कर रोती थी😢 डरती नहीं थी किसी से बस मुझे खोने से वो डरती थी😔 फक्र है मुझे की उसने मुजको छोड़ दिया😊 एक बाप👳 की सच्ची बेटी थी अपने बाप 👳को वो रुलाने से डरती थी -lovelines

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