आज नवरात्रि का चौथा दिन............ बतला भी दे तू | हिंदी शायरी

"आज नवरात्रि का चौथा दिन............ बतला भी दे तू किस बात से रूठी है हे,जगजननी आखिर मैं तेरी बेटी हूं, मेरे आंचल को तुमने सूना कर दिया वो मेरा नहीं मां बल्कि तेरा बेटा था मैं अबला दुखियारी दर-दर की मारी बोल क्या करूं, कहां ढूंढूं किससे पूछूं। ©jha madam Classes"

 आज नवरात्रि का चौथा दिन............

बतला भी दे तू किस बात से रूठी है हे,जगजननी आखिर मैं तेरी बेटी हूं,
मेरे आंचल को तुमने सूना कर दिया
वो मेरा नहीं मां बल्कि तेरा बेटा था 
मैं अबला दुखियारी दर-दर  की मारी
बोल क्या करूं, कहां ढूंढूं किससे पूछूं।

©jha madam Classes

आज नवरात्रि का चौथा दिन............ बतला भी दे तू किस बात से रूठी है हे,जगजननी आखिर मैं तेरी बेटी हूं, मेरे आंचल को तुमने सूना कर दिया वो मेरा नहीं मां बल्कि तेरा बेटा था मैं अबला दुखियारी दर-दर की मारी बोल क्या करूं, कहां ढूंढूं किससे पूछूं। ©jha madam Classes

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