तुम्हारी याद बाकी है। जो पूरी कर न सका , वो अधूरी | हिंदी Poetry

"तुम्हारी याद बाकी है। जो पूरी कर न सका , वो अधूरी सी बात बाकी है। तुमको देखा करते थे, हम ख्वाबों में हर रोज । सामने से दीदार की , वो आस बाकी है। लगा रखी थी उम्मीद मैने वर्षो से , जो तुमसे कभी हो न सकी , वो मुलाकात अभी बाकी है....... ©GAYATRI AHIRWAR (pakhi)"

 तुम्हारी याद बाकी है।
जो पूरी कर न सका ,
वो अधूरी सी बात बाकी है।

तुमको देखा करते थे,
हम ख्वाबों में हर रोज ।
सामने से दीदार की ,
वो आस बाकी है।

लगा रखी थी उम्मीद मैने वर्षो से ,
जो तुमसे कभी हो न सकी ,
     वो मुलाकात अभी बाकी है.......

©GAYATRI AHIRWAR (pakhi)

तुम्हारी याद बाकी है। जो पूरी कर न सका , वो अधूरी सी बात बाकी है। तुमको देखा करते थे, हम ख्वाबों में हर रोज । सामने से दीदार की , वो आस बाकी है। लगा रखी थी उम्मीद मैने वर्षो से , जो तुमसे कभी हो न सकी , वो मुलाकात अभी बाकी है....... ©GAYATRI AHIRWAR (pakhi)

#कुछ अपनासा.......

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