छत पर की यादों को हम कैसे भुला सकते है। शायद ही अब | हिंदी Quotes Vide

"छत पर की यादों को हम कैसे भुला सकते है। शायद ही अब कभी हम ऐसे समय बिता सकते है । मां के साथ हम सब छत पर बैठा करते थे, कभी मां की बातो को सुनते तो कभी आपस में लड़ा करते थे। कभी आंकते कौन आ रहा दूर से , तो कभी ऑटो को रुकने का शर्त जीत जाते गुरुर से। और मजा तो तब आता था जब पापा दिख जाते थे , वही खत्म होती थी सभा फिर कल बैठक बुलाते थे। ©Kanak Tiwari "

छत पर की यादों को हम कैसे भुला सकते है। शायद ही अब कभी हम ऐसे समय बिता सकते है । मां के साथ हम सब छत पर बैठा करते थे, कभी मां की बातो को सुनते तो कभी आपस में लड़ा करते थे। कभी आंकते कौन आ रहा दूर से , तो कभी ऑटो को रुकने का शर्त जीत जाते गुरुर से। और मजा तो तब आता था जब पापा दिख जाते थे , वही खत्म होती थी सभा फिर कल बैठक बुलाते थे। ©Kanak Tiwari

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