White ग़र है रौशनी की चाहत तो ख़ुद ही जलना पड़ेगा
अमावस के उस पार तो..चाँद को ही निकलना पड़ेगा
लब्ज़, हंसी, फूल खंज़र सब सजे है बाजार मे
असली सफ़र से पहले.इन पगडंडियों से गुजरना पड़ेगा
जाने किन ख़यालों में अब तक खोये हुये हो
आज नही तो कल.हकीकत से तो मिलना पड़ेगा
सूखे पत्ते, हरे होने में जो अड़ जाये तो
सावन को अबकी बिन मौसम ही बरसना पड़ेगा
किस्सा केवल सिक्के का है तो अलग बात है
मोतियों के ख़ातिर तो.समुंदर में ही उतरना पड़ेगा
क़लम के रास्ते भले ही उतर जाते है अरमान
इस इबादत में तो, धड़कनों को ख़ामोशी से सुनना पड़ेगा
@विकास
©Vikas sharma
#good_night_imagइबादत वाला चाँद