प्रिय हिन्दुस्तान ❣️🇮🇳❣️ ***********************प् | हिंदी कविता

"प्रिय हिन्दुस्तान ❣️🇮🇳❣️ ***********************प्रिय हिन्दुस्तान,, पहला वादा तो मैं तुमसे ही निभाउंगी, तुझे अखंड भारत ना सही ... तेरे प्रति प्रेम का दिप सभी के ह्रदय में जलाऊंगी, तेरे प्रति प्रेम का एक अद्वितीय अध्याय लिखूंगी, तेरे प्रति प्रेम सभी के ह्रदय में जगाऊंगी, सवाल जब हिन्दुस्तान का आता है, तो संवाद सारे अधूरे और जवाब सारे इसी से पूरे होते हैं.... मानती हूं मैं मेरे पास कोई योग्यता नहीं, पर योगदान तो दे ही सकती हूं शुद्ध अतः करण और अन्तर्मन से प्रेम तो कर ही सकती हूं, मानती हूं मैं तूझे देने के लिए कुछ नहीं मेरे पास, पर प्रयास तो कर ही सकती हूं, तुझसे निश्चल ह्रदय से प्रेम तो कर ही सकती हूं... मैं स्वयं उलझी हुई हूं अपने ही कर्तव्यपालन में, पर जब तूं आवाज देगा सब कुछ छोड़ कर मैं सिर्फ हिन्दुस्तान से प्रेम के वादे को निभाऊंगी... हिन्दुस्तान की कसम 🇮🇳❣️ ©Sanjana Hada"

 प्रिय हिन्दुस्तान ❣️🇮🇳❣️
***********************प्रिय हिन्दुस्तान,,
             पहला वादा तो मैं तुमसे ही निभाउंगी,
तुझे अखंड भारत ना सही ...
तेरे प्रति प्रेम का दिप सभी के ह्रदय में जलाऊंगी,

तेरे प्रति प्रेम का एक अद्वितीय अध्याय लिखूंगी,
तेरे प्रति प्रेम सभी के ह्रदय में जगाऊंगी,

सवाल जब हिन्दुस्तान का आता है,
तो संवाद सारे अधूरे और जवाब
 सारे इसी से पूरे होते हैं....

मानती हूं मैं मेरे पास कोई योग्यता नहीं,
पर योगदान तो दे ही सकती हूं 
शुद्ध अतः करण और अन्तर्मन से
 प्रेम तो कर ही सकती हूं,

मानती हूं मैं तूझे देने के लिए कुछ नहीं मेरे पास,
पर प्रयास तो कर ही सकती हूं,
तुझसे निश्चल ह्रदय से प्रेम तो कर ही सकती हूं...

मैं स्वयं उलझी हुई हूं अपने ही कर्तव्यपालन में,
पर जब तूं आवाज देगा सब कुछ छोड़ कर
मैं सिर्फ हिन्दुस्तान से प्रेम के वादे को निभाऊंगी...

हिन्दुस्तान की कसम 🇮🇳❣️

©Sanjana  Hada

प्रिय हिन्दुस्तान ❣️🇮🇳❣️ ***********************प्रिय हिन्दुस्तान,, पहला वादा तो मैं तुमसे ही निभाउंगी, तुझे अखंड भारत ना सही ... तेरे प्रति प्रेम का दिप सभी के ह्रदय में जलाऊंगी, तेरे प्रति प्रेम का एक अद्वितीय अध्याय लिखूंगी, तेरे प्रति प्रेम सभी के ह्रदय में जगाऊंगी, सवाल जब हिन्दुस्तान का आता है, तो संवाद सारे अधूरे और जवाब सारे इसी से पूरे होते हैं.... मानती हूं मैं मेरे पास कोई योग्यता नहीं, पर योगदान तो दे ही सकती हूं शुद्ध अतः करण और अन्तर्मन से प्रेम तो कर ही सकती हूं, मानती हूं मैं तूझे देने के लिए कुछ नहीं मेरे पास, पर प्रयास तो कर ही सकती हूं, तुझसे निश्चल ह्रदय से प्रेम तो कर ही सकती हूं... मैं स्वयं उलझी हुई हूं अपने ही कर्तव्यपालन में, पर जब तूं आवाज देगा सब कुछ छोड़ कर मैं सिर्फ हिन्दुस्तान से प्रेम के वादे को निभाऊंगी... हिन्दुस्तान की कसम 🇮🇳❣️ ©Sanjana Hada

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