हँसते हँसाते रहो गाते गुनगुनाते रहो, ये धरती यूहीं | हिंदी शायरी

"हँसते हँसाते रहो गाते गुनगुनाते रहो, ये धरती यूहीं घूमेगी तुम रहो या ना रहो। ©Vikash Kamboj"

 हँसते हँसाते रहो
गाते गुनगुनाते रहो,
ये धरती यूहीं घूमेगी
तुम रहो या ना रहो।

©Vikash Kamboj

हँसते हँसाते रहो गाते गुनगुनाते रहो, ये धरती यूहीं घूमेगी तुम रहो या ना रहो। ©Vikash Kamboj

#Earth

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