सुखे मन को करीब
से देखा है
मुझे दुनिया ने अजीब
से देखा है
खुद ही रो के चुप हो गए है
मैने दिन में भी आशाओ को सोते
देखा है
लाख बुरे है हम सही
औरो को भी हम से बुरा
देखा है
मै गुमा हूआ लेकिन
बिना आग के भी धुँआ
देखा है
और गैरो की बात क्या कहनी
मैने अपनो में खुद को मरते
देखा है
©madhurendra kumar
#madhurendrakumar#KhulaAasman