Unsplash ये पत्ते भी न क्यों
किताब लिए बैठे हैं
लगता है ये भी कोई
सबक याद किए बैठे हैं
कोरे पन्नो पर लिखना चाहते है
ये भी कुछ सबक शायद
लगता हैं ये भी कुछ
बोझ दिल में लिए बैठे हैं
©Poet Kuldeep Singh Ruhela
#leafbook ये पत्ते भी न क्यों
किताब लिए बैठे हैं
लगता है ये भी कोई
सबक याद किए बैठे हैं
कोरे पन्नो पर लिखना चाहते है
ये भी कुछ सबक शायद
लगता हैं ये भी कुछ
बोझ दिल में लिए बैठे हैं