अपने लब तो खोलिये खामोश क्यों हो राज -ए - दिल बोलि | हिंदी Shayari Vid

"अपने लब तो खोलिये खामोश क्यों हो राज -ए - दिल बोलिये खामोश क्यों हो है मुहब्बत की अलामत रूठ जाना क्यूँ खफा हो सोचिये खामोश क्यों हो उठते थे जो हाथ दुआओ मे मेरी सन्ग गैरों हो लिये खामोश क्यों हो बात दिल की साफ़ शब्दो में बता दो चुप न रहिये देखिये खामोश क्यों हो है निभाने की अगर चाहत तुझे भी पास मेरे आइये खामोश क्यों हो उम्र तो कट जायेगी ये धीरे धीरे यूँ जहर ना घोलिये खामोश क्यों हो ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) ©laxman dawani "

अपने लब तो खोलिये खामोश क्यों हो राज -ए - दिल बोलिये खामोश क्यों हो है मुहब्बत की अलामत रूठ जाना क्यूँ खफा हो सोचिये खामोश क्यों हो उठते थे जो हाथ दुआओ मे मेरी सन्ग गैरों हो लिये खामोश क्यों हो बात दिल की साफ़ शब्दो में बता दो चुप न रहिये देखिये खामोश क्यों हो है निभाने की अगर चाहत तुझे भी पास मेरे आइये खामोश क्यों हो उम्र तो कट जायेगी ये धीरे धीरे यूँ जहर ना घोलिये खामोश क्यों हो ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) ©laxman dawani

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