Red sands and spectacular sandstone rock formations चंद अशआर.......
ना हो मगरूर अपनी हुस्न-ए-दौलत पर
चमक ये चार दिन मुरझाये गुलज़ार देखे हैं II
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फक़्त ये शाम तक की खेल "दीप"
पलों में बुलबुले से मौजों के धार देखे हैं II
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©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"
#Sands Nîkîtã Guptā @Anupriya @Anshu writer #seema.k*_-sailent_*write@ अब्र The Imperfect