White आज अचानक एक बार फिर से. बस्ति मे नफरतों | हिंदी Poetry

"White आज अचानक एक बार फिर से. बस्ति मे नफरतों और वहशी हरकतों. को नया दौर देख कर हर कोई फ़िक्रमंद हैँ लगता हैँ जरूर कोई फसादीं गुनहगार इस बसती मे आकर रहने लगा हो ©Parasram Arora"

 White आज  अचानक 
एक बार  फिर से.
बस्ति मे  नफरतों 
और वहशी हरकतों.
को नया  दौर देख  कर  
 हर कोई फ़िक्रमंद हैँ

लगता हैँ जरूर 
कोई  फसादीं गुनहगार  
इस बसती मे   
आकर रहने लगा  हो

©Parasram Arora

White आज अचानक एक बार फिर से. बस्ति मे नफरतों और वहशी हरकतों. को नया दौर देख कर हर कोई फ़िक्रमंद हैँ लगता हैँ जरूर कोई फसादीं गुनहगार इस बसती मे आकर रहने लगा हो ©Parasram Arora

नफरती दौर

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