वक़्त किसी के लिए नहीं रुकता, समय किसी का मोहताज नही होता।
बस अपनी ही धुन में चलता रहता है।
लेकिन हम समय के अनुसार चलना नही जानते
इसलिए अक्सर पिछड़ जाते है।
पिछड़ कर जब याद आता है कि कितना कुछ निकल गया है
तब हम समय को पीछे करने के लिये दौड़ते है।
तब तक समय ही नही बल्कि समय के साथ
सब कुछ आगे निकल चुका होता है।
देखने को यह सिर्फ एक दीवार जैसी लगती है
लेकिन अभेद्य होती है।
सम्भवतः विज्ञान दीवारों के पार जाने की विज्ञान को खोज ले
लेकिन तब तक हम पंच भूतों के अस्तित्व में खो चुके होंगे।
©Prashant Roy
Time wait for none.
समय किसी का इंतज़ार नही करता। @Suruchi Roy