अश्लीलता कल भी थी आज भी है कल ये गाँव था आज शहर | हिंदी Poetry

"अश्लीलता कल भी थी आज भी है कल ये गाँव था आज शहर बना फ़िर रहा है उफ्फ! रोग 'शहर' तक ना फैले ये 'तबियत' को पता होनी चाहिए ©चाँदनी"

 अश्लीलता कल भी थी 
आज भी है

कल ये गाँव था
आज शहर बना फ़िर रहा है

उफ्फ! रोग 'शहर' तक ना फैले
ये 'तबियत' को पता होनी चाहिए

©चाँदनी

अश्लीलता कल भी थी आज भी है कल ये गाँव था आज शहर बना फ़िर रहा है उफ्फ! रोग 'शहर' तक ना फैले ये 'तबियत' को पता होनी चाहिए ©चाँदनी

People who shared love close

More like this

Trending Topic