समंदर तृषित है ये नदियां जानती हैं।
पूर्ण अपूर्ण है ये सदियां जानती हैं।
प्रश्न में हीं उत्तर है, उत्तर में हीं प्रश्न
अनन्त है जिज्ञासा ये कृतियां जानती हैं।
क्या कृष्ण क्या श्वेत, किंचित नहीं है भेद,
गतिशील है परिभाषा ये विकृतियां जानती हैं।
जो सत्य है इस दृश्य में, मिथ्या है वो नेपथ्य में,
है कल्पना सब दृश्य ये स्मृतियां जानती हैं।
©Jupiter and it's moon....(प्रतिमा तिवारी)
#परिवर्तन