जब अहमियत उनकी खुद से ज्यादा हो जाती है उनकी आवाज़ | हिंदी शायरी
"जब अहमियत उनकी खुद से ज्यादा हो जाती है
उनकी आवाज़ बिन जीना मानो सजा हो जाती है
पर उनको इल्म तक नही होता हमारे जज्बातो का
तब मोहब्बत और जिंदगी बस एक खता हो जाती है"
जब अहमियत उनकी खुद से ज्यादा हो जाती है
उनकी आवाज़ बिन जीना मानो सजा हो जाती है
पर उनको इल्म तक नही होता हमारे जज्बातो का
तब मोहब्बत और जिंदगी बस एक खता हो जाती है