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White एक देश में बाँध संकुचित करो न इसको, गाँधी का | हिंदी Poetry

"White एक देश में बाँध संकुचित करो न इसको, गाँधी का कर्तव्य-क्षेत्र दिक नहीं, काल है। गाँधी हैं कल्पना जगत के अगले युग की, गाँधी मानवता का अगला उद्विकास हैं। -रामधारी सिंह "दिनकर" ©साहित्य संजीवनी"

 White एक देश में बाँध संकुचित करो न इसको,
गाँधी का कर्तव्य-क्षेत्र दिक नहीं, काल है।
गाँधी हैं कल्पना जगत के अगले युग की,
गाँधी मानवता का अगला उद्विकास हैं।

-रामधारी सिंह "दिनकर"

©साहित्य संजीवनी

White एक देश में बाँध संकुचित करो न इसको, गाँधी का कर्तव्य-क्षेत्र दिक नहीं, काल है। गाँधी हैं कल्पना जगत के अगले युग की, गाँधी मानवता का अगला उद्विकास हैं। -रामधारी सिंह "दिनकर" ©साहित्य संजीवनी

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