प्यारे दोस्त
जीवन में जब आप जिस इंसान को चाहो
यदि वो आपको न चाहे
और दूसरी तरफ उसे पाने की आपकी ज़िद के कारण
आपके अपने भी आपसे नाराज़ हो
तो ऐसे में आप यदि ईश्वर से मजबूत रिश्ता नही बनाए हुए है
तो आप बिल्कुल अकेले हो जाएंगे और टूट सकते है,
अतः अपने "इष्ट से मजबूत सम्बंध" के साथ
किसी इंसान को शिद्दत से चाहने का यदि कोई स्पष्ट कारण आपके पास नही है तो समय के साथ परिवार की खुशी के लिये एक नए रिश्ते में आप ज़रूर आगे बढ़ सकते हो,
लेकिन आपको यह "दृढ़ विश्वास या अंतरात्मा" की मजबूत प्रेरणा है कि जिस व्यक्ति के लिये आप अपनो से लड़े जा रहे है वह आपका "सच्चा जीवनसाथी" ही है या फिर यदि वह व्यक्ति विशेष आपको नही मिला तब भी आप बिना प्रतिशोध की भावना के अपने "प्रेम की महानतम ऊर्जा" को विश्वकल्याण और राष्ट्र उत्थान की दिशा में अर्पित कर "एकांतवासी" की तरह जीवन जी सकते हो, तभी आप यह जोखिम उठा सकते है, अन्यथा जहाँ तक सम्भव हो माता- पिता के कोमल ह्रदय को दुःखी करने के प्रयास से बचना चाहिये...
©कृतांत अनन्त नीरज...
#alone