White ग़ैरज़रूरी सामान को अब हटाया जाए
ज़रा मुताबिक़ से घर को सजाया जाए
पराई दौलत सी बची रह गई ये ज़िंदगी
कौन सा धन बचा जो अब लुटाया जाए
आधी सदी से राह तकता रहा जिसकी
उन हसरतों को कलेजे से लगाया जाए
लम्हा लम्हा घुट घुटके बेजान से पड़े थे
गुज़ारिश है उन ज़ख्मों को रुलाया जाए
कुछ वक़्त की होती है ये रानाइयां सारी
मंज़र तमाम आँखों से अब हटाया जाए
उजालों की तस्करी हुई, हर सू अंधेरा है
विरान लंबी राह पर चराग़ जलाया जाए
वक़्त ए रुख़्सत बस यह ख़्वाहिश हमारी
दोस्त के संग दुश्मन को भी बुलाया जाए
जिस नसीब में लिखा न हो उनसे मिलना
उस नसीब को हथेलियों से मिटाया जाए
©Ravi Gupta
#sad_quotes दोस्तों के साथ दुश्मनों को भी बुलाया जाएं