जो आंखे कभी हमारा इंतजार करती थी आज वो आंखे किसी औ | हिंदी Sad

"जो आंखे कभी हमारा इंतजार करती थी आज वो आंखे किसी और की नुमाइश कर रही है जो बाहें कभी हमे सुकून देती थी वो बाहें किसी और को आगोश में भर रही है जो हाथ कभी हमारे हाथों को थामते थे आज वो किसी और को सहारा देते है जिन होठों की गर्माहट हम महसूस किया करते थे आज उन होठों पे किसी और के निशान है जिनकी हर बात में पहले हमारा जीकर होता था अब उन बातों में भी किसी और के नाम की पुकार है जिसे हम कभी अपना समझते थे वो आज किसी और का गुलाम है ©mahi singh"

 जो आंखे कभी हमारा इंतजार करती थी
आज वो आंखे किसी और की नुमाइश कर रही है
जो बाहें कभी हमे सुकून देती थी
वो बाहें किसी और को आगोश में भर रही है

जो हाथ कभी हमारे हाथों को थामते थे
आज वो किसी और को सहारा देते है

जिन होठों की गर्माहट हम महसूस किया करते थे
आज उन होठों पे किसी और के निशान है

जिनकी हर बात में पहले हमारा जीकर होता था 
अब उन बातों में भी किसी और के नाम की पुकार है

जिसे हम कभी अपना समझते थे
वो आज किसी और का गुलाम है

©mahi singh

जो आंखे कभी हमारा इंतजार करती थी आज वो आंखे किसी और की नुमाइश कर रही है जो बाहें कभी हमे सुकून देती थी वो बाहें किसी और को आगोश में भर रही है जो हाथ कभी हमारे हाथों को थामते थे आज वो किसी और को सहारा देते है जिन होठों की गर्माहट हम महसूस किया करते थे आज उन होठों पे किसी और के निशान है जिनकी हर बात में पहले हमारा जीकर होता था अब उन बातों में भी किसी और के नाम की पुकार है जिसे हम कभी अपना समझते थे वो आज किसी और का गुलाम है ©mahi singh

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