एक तस्वीर है मेरे पास जो उन बातों यादों को फिर सामने लेकर आया है
जो मैने तेरे साथ बिताये थे।
माना साथ कुछ दिन का था हमारा
तब भी मजबूत डोर की तरह रिस्ते निभाए थे ।
मेरे घर की खिड़की अब कई सालों से नही खुलती
तेरी तस्वीरें जला दिये जो समेत कर रखे थे।
अब तू किसी ओर घर की हो गयी है
तेरे जाने का घाव अभी भी भरे नही थे।
©MUKESH KUMAR
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#AdhureVakya