White निसार होना न था, हो निसार बैठा हूँ ज़माने भर | हिंदी शायरी

"White निसार होना न था, हो निसार बैठा हूँ ज़माने भर में फ़क़त तेरे द्वार बैठा हूँ छटांक भर ही सुकूँ बख़्श दे मेरे हमदम न जाने कब से बहुत बे-क़रार बैठा हूँ ©Ghumnam Gautam"

 White निसार होना न था, हो निसार बैठा हूँ
ज़माने भर में फ़क़त तेरे द्वार बैठा हूँ

छटांक भर ही सुकूँ बख़्श दे मेरे हमदम
न जाने कब से बहुत बे-क़रार बैठा हूँ

©Ghumnam Gautam

White निसार होना न था, हो निसार बैठा हूँ ज़माने भर में फ़क़त तेरे द्वार बैठा हूँ छटांक भर ही सुकूँ बख़्श दे मेरे हमदम न जाने कब से बहुत बे-क़रार बैठा हूँ ©Ghumnam Gautam

#Sad_Status #निसार
#ghumnamgautam

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